बुधवार, 17 मार्च 2010

15 मार्च को लोकसभा में पेश किए गए ‘दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) संशोधन विधेयक-2010’-----------

पुलिस के लिए अब किसी अपराधी या आरोपी को गिरफ्तार न करने की वजह बताना भी अनिवार्य होगा। 15 मार्च को लोकसभा में पेश किए गए ‘दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) संशोधन विधेयक-2010’ में इस नए तथ्य का उल्लेख किया गया है। यह विधेयक गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने पेश किया।

इस विधेयक के तहत यह बताना जरूरी होगा कि अगर किसी आरोपी या अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है तो उसकी क्या वजह है। यह भी प्रावधान है कि हर गिरफ्तारी की वजह बताना अनिवार्य होगा। गृह मंत्रालय के मुताबिक ‘आम तौर पर ये आरोप लगते रहे हैं कि पुलिस प्रभावशाली लोगों के आरोपी होने पर भी जानबूझकर गिरफ्तार नहीं करती है।


कई बार ये आरोप भी लगते हैं कि पैसे के लेन-देन की वजह से किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई। नए संशोधन से अब ऐसे भेदभाव पर विराम लग सकेगा। जब पुलिस को यह बताना होगा कि किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई तो यह मुश्किल होगा कि वह किसी तरह के कदाचार की वजह से गिरफ्तारी न करे।

यह संशोधन ऐसे संज्ञेय अपराधों में लागू होगा, जिनमें अधिकतम सजा सात साल तक है। इस श्रेणी में करीब साठ प्रतिशत तक दर्ज मामले आते हैं। इस संशोधन दरअसल विधि आयोग के सुझावों के आधार पर लाया गया है। विधि आयोग ने कहा था कि ऐसे मामलों में पुलिस के लिए नोटिस जारी करना अनिवार्य होना चाहिए, जिनमें गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है।

क्या करे जनता इन भ्रष्ट तथा कथित मंत्री और अधिकारियों का -------?

                                
क्या करे जनता इन भ्रष्ट तथा कथित मंत्री और अधिकारियों  का  जो  असल में  चपरासी के लायक भी नहीं हैं लेकिन जनता की  गाढ़ी कमाई के पैसे से इनको मोटी सैलरी मिलती है ,बड़ा  बंगला, एसी ऑफिस और  मोटी सैलरी  वाले सुरक्षा  गार्ड  व  पर्सनल  स्टाफ भी मिलता है ? आज  देश  में  हर तरफ लूट मची है  बरा हो या छोटा हर कोई लूट में लगा है , क्योकि व्यवस्था के पूरी तरह सड़ जाने की वजह से  हर किसी को अपने लूट की भरपाई लूटेरो की जमात में शामिल होकर किसी न किसी को लूटने में नजर आता है /आज उपभोक्ताओं को बरी कंपनियां  जो की डालडा ,तेल,दूध का पाउडर,साबुन,इत्यादि बनाने का काम करती है वह दो तरह से लोगों को लूट रही है -एक तरफ दाम बढाकर दूसरी तरफ वजन घटाकर ,पहले नाप तोल का पैमाना १००,२००,५००,१००० ग्राम और १ लीटर होता था अब ९१०,८९७,८७५ और न जाने कितने पैमाने हो गए हैं , अब लोगों को क्या पता की उन्हें १ किलो की जगह कितना ग्राम कम सामान मिल रहा है / ऐसा क्यों,किस मंत्रालय के निकम्मेपन ,किश अधिकारी  के भ्रष्टाचार, देश की व्यवस्था किस तरह सड़ गयी है और इसके लिए किस -किस को सजा मिलनी चाहिए ?के लिए आप अपने विचारों के रूप में ऍफ़ आई आर  दर्ज करें और साथ ही खरीददारी करते  समय सावधान रहें   ------- 

सोमवार, 15 मार्च 2010

पुण्य प्रसून बाजपेयी: देश को संसद नहीं पूंजी चलायेगी

                                 
पुण्य प्रसून बाजपेयी: देश को संसद नहीं पूंजी चलायेगी

दोषियों को सजा दो,,,,,,,,,

                        
दोषियों को सजा जरूर होनी चाहिए जिन्होनें देश के आम लोगों को महंगाई के आग में जबरदस्ती झोंकने का अपराध किया है , चाहे वह देश का कृषि मंत्री हो या परधान मंत्री ...इस विषय पर अपने बिचारों के रूप में अपना ऍफ़ आई आर यहाँ दर्ज करें .........