सोमवार, 30 अगस्त 2010

क्या हम और हमारी अर्थव्यवस्था सत्ता के लोभी-लालची अंतराष्ट्रीय दलालों के कब्जे में है .....

गिलगिट (पाकिस्तान) में चाइना सड़क निर्माण विभाग द्वारा गिलगिट नदी पड़ बनाया गया एक मजबूत पुल ,ये पुल नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय सत्ता के दलालों द्वारा खेला जा रहा लोभ-लालच के खेल का पुल है | (चित्र गूगल से साभार )


आज जिस तरह से भारत सरकार एक लोकतान्त्रिक सरकार के बजाय पूंजीपतियों के दलाल के रूप में काम कर रही है और सरकार में बैठे ज्यादातर लोग व्यवस्था को सही ढंग से चलाने के वजाय अपना ज्यादातर या यों कहें क़ी अपना पूरा समय और जनता के टेक्स से संचालित साधन का उपयोग दलालों को फायदा पहुँचाने के लिए कर रहें हैं | ये सत्ता के दलाल अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना इतना प्रभाव बना चुके हैं क़ी भारत जैसे लोकतंत्र क़ी पूरी सरकार इनके इशारों पे नाच रही है |




चाहे कोई भी काम क्यों ना हो अगर उसमे इन दलालों का फायदा हो तो उसे ह़र हाल में किसी भी देश के सरकार से  अपने  फायदे के अनुसार नीतियाँ  बनवाकर लागू करवाना इनके लिए बायें हाथ का काम है | इनके रास्ते में जो सरकार आती है उसे ये बर्बाद करने से भी नहीं चूकतें  हैं और जो सरकार इनके इशारे पे इनके हितों के लिए पूरी समर्पण से काम कर रही होती है उसे बचाने के लिए ये अंतराष्ट्रीय दलाल किसी भी देश से प्रायोजित युद्ध कराकर उस देश के जनता का भावनात्मक समर्थन दिला देतें हैं |



भारत क़ी वर्तमान स्थिति कुछ ऐसी ही है और आने वाले तीन वर्षों में भारत में जनाक्रोश अपने चरम सीमा पे पहुँचने के पूरे आसार हैं जिससे इस देश क़ी पूरी रजनीतिक व्यवस्था में बदलाव क़ी मांग जोड़ पकड़  सकती है ,क्योंकि अभी भारत में सरकार,जनता के लिए नहीं बल्कि इन दलालों के लिए नीतियाँ बना रही है जिससे इन दलालों को तो ह़र साल सैकड़ों प्रतिसत का मुनाफा हो रहा है लेकिन आम जनता क़ी हालत बद से बदतर होती जा रही है ,सामाजिक ताना-बाना पूरी तरह बिखरता जा रहा है ,जिससे जनता में जनाक्रोश क़ी भावना प्रबल होती जा रही है और इस बात क़ी भनक इन दलालों को भी है |




इनको पता है क़ी अगर इनकी कठपुतली सरकार को इस देश क़ी जनता ने पूरी तरह दरकिनार कर दिया तो इनके लिए ये बहुत बड़ा झटका होगा | इसलिए इन्होने चीन पाकिस्तान में अपने प्रभाव का उपयोग कर ऐसी रणनीति बनानी शुरू कर दी है क़ी अगर भारत में जनाक्रोश क़ी वजह से इनकी कठपुतली सरकार को कोई खतरा पैदा हो तो तुरंत भारत को युद्ध क़ी आग में झोंक कर भारत क़ी जनता को अपने कठपुतली सरकार को भावनात्मक समर्थन देने के लिए मजबूर किया जा सके और अपने हितों क़ी रक्षा करने वाली सरकार क़ी रक्षा क़ी जा सके | इसके लिए इन सत्ता के दलालों ने पाकिस्तान और चीन में बैठे अपने संपर्क क़ी मदद से योजना बनाना शुरू कर दिया है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगिट में चीनी सेना का भारी जमावारा शुरू कर दिया है तथा चीन इस क्षेत्र में अपने ह़र तरह के सामरिक संसाधनों का विकाश तेजी से करने में लगा है | विश्व में ज्यादातर मीडिया पे इन अंतराष्ट्रीय सत्ता के दलालों का कब्ज़ा है इसलिए ऐसी ख़बरों को प्राथमिकता और चर्चा का विषय नहीं बनाया जाता है जिससे ऐसी साजिशों का पता आम जनता को नहीं हो पाता है | इन सत्ता के दलालों के प्रभाव में भारत के विपक्ष के भी कुछ बेहद भ्रष्ट लोग हैं जिससे इनकी पकड़ इस देश क़ी व्यवस्था पड़ और मजबूत हो गयी है और भारत क़ी सरकार और व्यवस्था आम जनता से उतनी ही दूर हो चुकी है |




अतः इन सभी तथ्यों पे गौर करने पड़ इस नतीजे पे पहुंचा जा सकता है क़ी भारत में जनता क़ी हालत इन दलालों द्वारा सरकारी साधन का इस्तेमाल करने से ज्यों-ज्यों ख़राब होगी और जनाक्रोश बढ़ने लगेगी तो पाकिस्तान या चीन से युद्ध क़ी स्थिति बनने क़ी पूरी संभावना है | जिससे जनता तो परेशान होगी लेकिन इन दलालों के कठपुतली सरकार क़ी रक्षा हो सकेगी | हमारा आग्रह उन इमानदार और इंसान रुपी खुपिया अधिकारियों और कुछ गिने चुने इमानदार पत्रकारों से है क़ी वो इस अंतराष्ट्रीय साजिश को बेनकाब करने का प्रयास करें ...


गुरुवार, 19 अगस्त 2010

भारत क़ी शर्मनाक स्थिति और मनमोहन सिंह जी क़ी खुशहाल स्थिति को देखिये ...

विश्व क़ी प्रशिद्ध पत्रिका न्यूज़वीक ने मनमोहन सिंह को विश्व का सबसे इमानदार नेता बताया है ...पढ़िए इस लिंक पर ..
http://www.newsweek.com/2010/08/16/go-to-the-head-of-the-class.html

वहीँ भारत क़ी स्थिति भी देखिये जो बंगलादेश जैसे देश से भी पीछे है ...पढ़िए इस लिंक पर.....
http://www.newsweek.com/2010/08/15/interactive-infographic-of-the-worlds-best-countries.html


महान है हमारा भारत देश और इसके नेता जहाँ अपनी छवि को ठीक रखने के लिए देश और समाज क़ी सूरत बड़ी बेदर्दी से खराब कर दी जाती है .....?

मंगलवार, 10 अगस्त 2010

दिल्ली में विकाश के नाम पर खुलेआम लूट और जनता के पैसे क़ी बर्बादी के सबूत...क्या PMO और CVC दोषियों के खिलाप करेगा कार्यवाही ...

इस देश में विकाश के नाम पर ढोंग और जनता के पैसों की बर्बादी देखनी है तो दिल्ली में घुमते वक्त अपनी नजरें और दिमाग खुला रखिये ,हर तरफ आपको जनता के पैसों की बर्बादी और विकाश के नाम पर लूटने का धंधा चलता दिखेगा ,लेकिन ये लूट सरकार और सरकारी जाँच एजेंसियों को नहीं दिखती है | PMO और CVC को इसके लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत है अगर वह वाकई जनता के पैसों के लूट को रोकना चाहती है |

आइये हम दिखाते है आपको ....
ये दिल्ली के नरेला के उस सड़क का दृश्य है जिसे सिर्फ इसलिए बनाया गया जिससे कड़ोरो रुपया लूटा जा सके | सबसे पहले तो इस सड़क क़ी अभी कोई जरूरत नहीं थी इस सड़क से दिन भर में शायद ही कोई एक-आध मोटरसाइकिल वाला भी जाता हो | ये सड़क है है नरेला से सिंघु बोर्डर जाने वाली सड़क और नरेला औद्योगिक क्षेत्र से जी .टी करनाल रोड को बेवजह जोडती लिंक रोड | ऐसे कई लिंक रोड हैं जिनकी अभी दस साल कोई जरूरत नहीं थी लेकिन यह इसलिए बनाये गए क़ी इनका उपयोग तो होगा नहीं जिससे घटिया स्तर का बना कर कड़ोरों क़ी लूट खसोट क़ी जा सके ,इस सड़क का अगर प्रयोग होता तो दो महीने बाद इस सड़क का बुड़ा हाल होता | 

इस देश में स्कूल खोलने के लिए पैसे नहीं हैं , एक मकान जिसमे शौचालय भी हो को बनाकर गरीबों को मुफ्त में दिया जाय इसके लिए देश का खजाना खाली है ,लोगों को तरह-तरह के टेक्स क़ी मार को झेलने के लिए मजबूर किया जाता है ,हवाला दिया जाता है वित्तीय घाटे का | जब बिना वजह जनता के पैसों को इस तरह बिना जरूरत के सड़कों पे लगाकर लूटा जायेगा तो घाटा जनता का खून चूसने के बाद भी पूरा नहीं होगा | जरूरत है ऐसे फिजूल के निर्माण के लिए धन क़ी अनुशंसा करने वाले अधिकारी पे आपराधिक लापरवाही के कार्यवाही क़ी |

ऐसे कई लिंक रोड हैं जो बेवजह जनता के धन के बर्बादी क़ी दर्दनाक दास्ताँ कहतें है ,कोई भी जाँच अधिकारी अगर इन पर हुए फिजूल के खर्चों और घटिया निर्माण के पीछे के लूट क़ी कहानी क़ी जाँच करेगा तो कई सफेदपोश कुकर्मी इस जाँच में फंस सकते हैं और उनसे कड़ोरों के धन क़ी वापसी भी सरकार को हो सकती है ,लेकिन अगर कोई जनता के धन क़ी बर्बादी क़ी जाँच करना चाहे तब  ...?  यही नहीं यहाँ वर्षों से DDA ने सैकड़ों एकड़ जमीन को अधिग्रहण तो कर लिया है लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं कर पा रही है क्योंकि दस साल पहले बने कई फ्लेटों का भी आवंटन ड्रा द्वारा अभी होना बांकी है ,शर्मनाक है DDA की कार्यप्रणाली ,जिससे कृषि योग्य जमीन का बिना वजह ही दुरूपयोग हो रहा है |

अब देखिये ये एक और शर्मनाक नजारा ,एक तरफ तो फिजूल क़ी सड़क और दूसरी तरफ ये है नरेला औद्योगिक क्षेत्र के मुख्य सड़क का हाल ,जिसमे सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क इसका पता लगाना मुश्किल है ,जबकि इस सड़क पर हजारो मजदूर अपनी रोजी-रोटी के लिए रोज चलते हैं ,सैकड़ों गाड़ियाँ सामान के आदान प्रदान के लिए रोज दौडती है | जिन सड़कों के निर्माण और रखरखाव की सख्त जरूरत है उसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है और जिन सड़कों की जरूरत नहीं थी उन पर सैकड़ों कड़ोर रुपया खर्च कर दिया गया | जनता परेशान लूटेरे मालामाल ..?

पूरे नरेला औद्योगिक क्षेत्र का इतना बुरा हाल है क़ी पूछिए मत | ये है विकाश  क़ी कहानी जहाँ जरूरत है वहाँ सड़क नहीं और जहाँ कोई जरूरत नहीं वहाँ लम्बी चौरी सड़कें विकाश को दर्शाती या विकाश के नाम पर लूट क़ी कहानी के सबूत देती है | पैसे की बर्बादी का तो ये नमूना है | सरकारी नीतियाँ ,जमीनी जरूरत के अनुसार विकाश के बीच ईमानदारी भरा संतुलन का अभाव और किसी निगरानी व्यवस्था का ना होना देश के विकाश को  ढोंग की ओर ले जा रही है ,जनता टेक्स दे-दे कर लुट रही है और देश के विकाश के नाम पर लूटेरे देश को लूट रहें हैं | देश की राजधानी का ये हाल है तो देश के दूर दराज का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है |

मंगलवार, 3 अगस्त 2010

देश में जनसाधारण को इन्टरनेट के जरिये सरकार द्वारा ताजा जानकारी पहुँचाने का हाल ....

देश में जनसाधारण को इन्टरनेट के जरिये सरकार द्वारा ताजा जानकारी पहुँचाने का हाल क्या है इसका अंदाजा आप खुद लगायें ...
ये है श्रममंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के साईट का हाल जिसमे श्रममंत्री और श्रम राज्यमंत्री का इ.मेल आईडी का कोई अता-पता नहीं है ...देखें ..


वर्ष 2004 के बाद न्यूनतम मजदूरी के रिकार्ड का कहिं कोई अता-पता नहीं है और अपडेट नहीं हुआ है ..देखिये यह लिंक..-इसके लिए जिम्मेवार मंत्रालय है या nic ...?

http://labourbureau.nic.in/wagetab.htm

क्या इसे सूचना देना कहेंगे......? आज जरूरत है nic को अपने कार्य प्रणाली को सुधारने क़ी तथा ह़र सूचना को रोज अपडेट करने क़ी अन्यथा इस वेबसाइट और nic क़ी उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह लग सकता है |