मंगलवार, 3 मई 2011

विकीलिक्स ने अमेरिका की पेंट उतारी थी लेकिन ओसामा की हत्या ने अमेरिका की चड्डी भी उतारकर रख दिया है दुनिया के सामने.....

कुछ दिन पहले अपने मित्र इरफ़ान जी का एक कार्टून देखा था जिसमे विकीलिक्स ने अमेरिका की पेंट उतारी थी ..आप लोग भी देखिये इस कार्टून को ...


लेकिन ओसामा की हत्या ने अमेरिका की चड्डी भी उतारकर रख दिया है दुनिया के सामने.....अब अमेरिका पूरी तरह नंगा हो गया है और लोकतंत्र की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के उसके खोखले दावे की सच्चाई दुनिया के सामने आ गया है | वैसे भी 9/11 को कई खुपिया जानकर CIA का मिशन मानते हैं जो बुश द्वारा चुनावी गड़बड़ियों से पूरी अमेरिकी जनता का ध्यान हटाने के लिए किया गया था ,बुश खुद अमेरिकी मिडिया के अनुसार स्केल्प एंड बोन जैसे नर पिचाशों के संगठन के सदस्य हैं और बुश सिनिअर कब्र से खोपड़ी चोरी के आरोपों का सामना भी कर चुके हैं |

निश्चय ही अमेरिका द्वारा ओसामा की हत्या पाकिस्तान के मिलिट्री एकेडमी के पास एक किले नुमा घर में रात के एक बजे किये जाने से ये बात पूरी तरह साबित हो गयी है की अमेरिका आतंक का उत्पादन कर्ता,बिक्रेता तथा उससे रक्षा के लिए ठेका लेने का उद्योग चलाने वाला देश है | जिस देश में भी अमेरिकी निवेश होगा या अमेरिका का ज्यादा प्रभाव होगा वहां इंसानियत का जिन्दा रहना मुश्किल है क्योकि CIA द्वारा ही ज्यादातर आतंकवादी गतिविधियाँ प्रायोजित होती है...लेकिन CIA की जाँच करने वाला कोई नहीं क्योकि CIA ज्यादातर देशों के सर्वोच्च सत्ता को ब्लेकमेल करने में कामयाब हो चूका है...और CIA के खिलाफ चलने वाले शासकों का अंजाम बुरा  होता है | भारत को अमेरिकी पूंजी निवेश के बारे में दुवारा विचार करने की जरूरत है और हर भारतीय के लिय जरा सोचिये और समझिये का वक्त है ...?

4 टिप्‍पणियां:

  1. अमेरिका जो करता है अपने देश के हित को सबसे आगे रख कर करता है ये तो हम पर है की हम भी अपने देश के हित को सबसे आगे रख कर कोई भी निर्णय ले |

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  2. ्मन मोहन जी को सोचना चाहिये,

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  3. श्रीमान जी,मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे.ऐसा मेरा विश्वास है.

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  4. प्रिय दोस्तों! क्षमा करें.कुछ निजी कारणों से आपकी पोस्ट/सारी पोस्टों का पढने का फ़िलहाल समय नहीं हैं,क्योंकि 20 मई से मेरी तपस्या शुरू हो रही है.तब कुछ समय मिला तो आपकी पोस्ट जरुर पढूंगा.फ़िलहाल आपके पास समय हो तो नीचे भेजे लिंकों को पढ़कर मेरी विचारधारा समझने की कोशिश करें.
    दोस्तों,क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना......... भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से
    श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी लगाये है.इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
    क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ.
    अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
    यह टी.आर.पी जो संस्थाएं तय करती हैं, वे उन्हीं व्यावसायिक घरानों के दिमाग की उपज हैं. जो प्रत्यक्ष तौर पर मनुष्य का शोषण करती हैं. इस लिहाज से टी.वी. चैनल भी परोक्ष रूप से जनता के शोषण के हथियार हैं, वैसे ही जैसे ज्यादातर बड़े अखबार. ये प्रसार माध्यम हैं जो विकृत होकर कंपनियों और रसूखवाले लोगों की गतिविधियों को समाचार बनाकर परोस रहे हैं.? कोशिश करें-तब ब्लाग भी "मीडिया" बन सकता है क्या है आपकी विचारधारा?

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