tag:blogger.com,1999:blog-4318529881439874402.post8848924544323595998..comments2023-06-08T13:50:58.845+05:30Comments on JANTA KI F.I.R: क्या राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पदों पर बैठा व्यक्ति अगर कानून के खिलाप आचरण कर रहा हो तो उसके खिलाप आवाज उठाना जुर्म है ....?honesty project democracyhttp://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4318529881439874402.post-70753381802032828802010-07-30T18:57:54.014+05:302010-07-30T18:57:54.014+05:30@ अंशुमाला जी
आज भ्रष्टाचारी आम आदमी मजबूरी में ब...@ अंशुमाला जी<br /><br />आज भ्रष्टाचारी आम आदमी मजबूरी में बन रहा है ,जमीनी स्तर पर हालात इतने बुरे हैं की किसी को भी सत्य की राह और भ्रष्टाचार के बिना एक कदम चलने नहीं दिया जाता है ,देश और समाज में भय का वातावरण इतना व्याप्त है की अच्छे -अच्छे IAS और IPS भी डरतें हैं तो आम आदमी की क्या बात करें | हाँ कुछ लोग हैं जो जान हथेली पर रखकर चलते हुए अच्छा काम और प्रयास कर रहें हैं इसलिए यह देश और समाज घिसत कर भी आगे बढ़ रहा है | सबसे बड़ी समस्या है शिकायत पर दोषियों के खिलाप प्रशासनिक कार्यवाही और इस प्रक्रिया को भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारीयों के गठजोड़ ने समाप्त कर दिया है जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गयी है |honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4318529881439874402.post-36198752712392984832010-07-30T18:31:37.733+05:302010-07-30T18:31:37.733+05:30लेख बहुत अच्छा है लेकिन हर बात के लिए हम प्रधानमंत...लेख बहुत अच्छा है लेकिन हर बात के लिए हम प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या नेताओ को दोष नहीं दे सकते है | दोष आम आदमी का भी है यह ठीक है कि भ्रष्टाचारियो को नेताओ का समर्थन मिलता है पर सरकारी पदो पर बैठा आदमी तो आम आदमी ही है ना उसकी भ्रष्टता हमें हर रोज सीधे प्रभावित करती है | काला बाजारी रोकने के लिए या खुले में रखे सड़ते अनाज को बचाने के लिए किसी कार्यवाही के लिए किसी सरकारी कर्मचारी को शरद पवार से इजाजत लेने कि जरुरत नहीं है वो उसक कर्तव्य है जो वो नहीं कर रहा है | लोग कहते है कि नेता भ्रष्ट है इसलिए नीचे के लोग भी भ्रष्ट है पर मुझे लगता है कि नीचे के पदो पर बैठा आम आदमी भ्रष्ट है इसलिए नेता भी भ्रष्ट है क्योकि नेताओ को पता है कि जब सभी किसी न किसी रूप में सभी भ्रष्टता में लगे है तो मुझे कौन हटाएगा सब खाने कमाने में व्यस्त है | नेता निति, कानून बनाते है पर उसे लागु करना नीचे के पदो पर बैठे लोगों को करना है जो नहीं कर रहे है यदि वो ईमानदारी से काम करने लगे तो कोई नेता क्या कर सकता है कितने लोगों का तबादला करेगा | पहले हम सुधारे फिर दूसरो को सुधारने कि बात करे |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4318529881439874402.post-13050183934358264732010-07-30T00:31:36.763+05:302010-07-30T00:31:36.763+05:30सबसे पहले तो आपको सलाम ... इस शानदार लेख को को प्र...सबसे पहले तो आपको सलाम ... इस शानदार लेख को को प्रस्तुत करने के लिए.... आपके मुहीम में मैं आपके साथ हूँ... बहुत ही विचारणीय आलेख...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4318529881439874402.post-29363193281693532512010-07-29T23:33:01.077+05:302010-07-29T23:33:01.077+05:30लड़ाई छेड़ी जानी चाहिए मगर परिणाम बहुत उत्साहवर्द्...लड़ाई छेड़ी जानी चाहिए मगर परिणाम बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं क्योंकि व्यक्तिगत स्वार्थों के कारण भुक्तभोगी भी संगठित विद्रोह नहीं करना चाहता।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.com