शुक्रवार, 4 जून 2010

मंगलौर विमान दुर्घटना से लगा IB के विशेष अधिकारियों के कार्यों पर सवालिया निशान----?


हलांकि IB (खूपिया ब्यूरो) में इमानदार और देश के लिए मर मिटने वाले अधिकारी अभी भी मौजूद हैं ,ये अलग बात है कि उनकी इस भ्रष्ट व्यवस्था में सुनी नहीं जाती है | हमारा आग्रह है IB के ऐसे इमानदार अधिकारियों से कि वे छोड़ दें ऐसे नौकरी को जिसमे उनके सत्य और ईमानदारी भरे कार्य कि कद्र नहीं होती हो और आ जाये सामाजिक आन्दोलन के जरिये देश और समाज कि सच्ची सेवा में |

मंगलौर के बाजपे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुए विमान दुर्घटना में 22 लोगों के शवों कि पहचान  के लिए DNA टेस्ट का सहारा लेना परा जिस दरम्यान तथ्यों को खोजते वक्त ये भी सामने आया कि 10लोग नकली पासपोर्ट पर यात्रा कर रहे थे | हालाँकि अधिकारिक तौर पर यह घोषणा कर दी गयी है कि मृतकों को दिया जाने वाला मुआबजा उन यात्रियों को भी दिया जायेगा जो फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा कर रहे थे |

लेकिन इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि जब पासपोर्ट से सम्बंधित कागजात कि ही जाँच के लिए हर एअरपोर्ट पर IB के विशेष अधिकारी तैनात होते है तो ,10 यात्री का फर्जी पासपोर्ट पर सफ़र करना IB के अधिकारियों के कार्यों और देश के सुरक्षा के नाम पर इन एजेंसियों पर हो रहे भारी भरकम खर्च कि उपयोगिता पर  एक बहुत बरा प्रश्न चिन्ह लगाता है ? 

क्या IB के निगरानी के लिए भी एक दूसरी IB कि जरूरत है ?

क्या फर्जी पासपोर्ट का धंधा एक उद्योग का शक्ल ले चुका  है ,अगर ऐसा है तो पासपोर्ट अधिकारी,विदेश मंत्रालय व पासपोर्ट के नाम पर होने वाले विभिन्न जाँच कि क्या जरूरत है ?

क्या जाँच महज एक खाना पूर्ति भर रह गया है और असल खेल पैसा फेक तमासा देख के आधार पर हो रहा है अगर सचमुच ऐसा है तो वह दिन दूर नहीं जब कोई आतंकवादी आपके पड़ोस में नकली पासपोर्ट के पहचान के जरिये आलिशान बंगला खरीद कर रहने लगेगा और आपको पता भी नहीं चलेगा |