देश कि व्यवस्था में पारदर्शिता तथा इस देश के गरीब जनता के टेक्स के पैसे जो की वह एक माचिस की खरीद पर भी अदा करता है की बर्बादी कि हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मनमोहन सिंह जी जो देश के प्रधानमंत्री जैसे सम्माननीय पद पर बैठकर कॉमनवेल्थ गेम प्रोजेक्ट में सब कुछ ठीक होने कि बात कर रहें हैं और देश कि सबसे बड़ी जाँच एजेंसी जो जनता के लिए पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को रोकने का काम करती है के जाँच रिपोर्ट में कॉमनवेल्थ गेम में सैकड़ों कड़ोर के घोटाले तथा घटिया निर्माण के साथ-साथ वेवजह निर्माण का भी आरोप लगाया गया है ,पढ़ें इस लिंक पर-
अब सवाल उठता है कि सच्चा कौन है और झूठा कौन ...? यहाँ एक बात महत्वपूर्ण है कि जमीनी स्तर पर अगर कोई भी इमानदार पत्रकार,समाजसेवक या आम नागरिक कॉमनवेल्थ गेम के प्रोजेक्ट कि निगरानी या निरिक्षण करे तो CVC की रिपोर्ट एकदम सच्ची प्रतीत होती है | ऐसे में क्या मनमोहनसिंह जी प्रधानमंत्री जैसे सम्माननीय पद के प्रतिष्ठा में ऐसे बयान देकर बट्टा लगाने के साथ-साथ देश कि जनता को धोखा दे रहें हैं ..? अगर ऐसा है तो यह बेहद खतरनाक है ....
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यह तो शुरुआत है, अभी तो "देश की इज्जत" के नाम पर गन्दगी को कालीन के नीचे दबाया जा रहा है, जरा ये "गुलामी के खेल" निपट जाने दीजिये, ऐसी भयानक भ्रष्टाचारी सड़ांध उठेगी कि कईयों के चेहरे बेनकाब होंगे।
जवाब देंहटाएंईमान दार??? शायद लोग इस शव्द को भी अब एक गाली समझेगे??
जवाब देंहटाएंcommonwealth का मतलब ही है सबकी पूंजी...सो, सभी मिल कर खा रहे हैं.
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