सोमवार, 3 मई 2010

रोती शिक्षा,सोती सरकार और जागती बिल्डर माफिया ------?





वैसे तो पूरे दुनिया को बर्बाद करने और आम लोगों के जीवन को दुखों कि गहराइयों में भेजने का पुण्य काम  इस बिल्डर माफिया ने ही किया है ,लेकिन हमारे देश और हमारे देश कि शिक्षा व्यवस्था को इस बिल्डर माफिया ने किस तरह पूरी तरह बर्बाद कर लाखों छात्रों के भविष्य  को ही नहीं ,बल्कि भारत के भविष्य से भी गन्दा खेल खेलने का काम किया है , इसका सनसनीखेज खुलासा हमारे द्वारा कि कई  40 DEEMED UNIVERSITY के  मान्यता रद्द करने के कारणों और इन विश्वविद्यालयों के पीछे छुपी हकीकत को जानने के हमारे प्रयास से /

हमने खोज तो इस लिए शुरू किया था कि इन विश्वविद्यालयों के बंद होने से छात्रों पे क्या असर पड़ेगा / लेकिन जब हमारे लोगों ने इन विश्वविद्यालयों तक पहुंच कर वहाँ पढने वालों छात्रों से बात किया और प्रबंधन का जायजा लिया तो चौकाने वाले वो तथ्य सामने आये जो किसी भी देश के शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए काफी है /

हमने पाया कि इस तरह के ज्यादातर विश्वविद्यालय या तो किसी बिल्डर माफिया का है या सांसदों और मंत्रियों के रिश्तेदारों का / इनको सारे नियम कायदे को ताक पड़ रखकर फोरेस्ट कि ज़मीन तक में ,अवैध निर्माण करने और विश्वविद्यालय चलाने कि अनुमति दी गयी / इनको ज़मीन मुहैया कराने से लेकर UGC से मान्यता तक के सफ़र में ,उस समय के  HRD मिनिस्ट्री से लेकर UGC और शिक्षा विभाग तक के भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों ने, इन माफिया टायप लोगों से मोटी रिश्वत का खेल खेला /

इन विश्वविद्यालयों में छात्रों से लाखों रूपये विभिन्न पाठ्यक्रम के लिए उसूलने के बाबजूद ना तो उसके लिए उचित शिक्षक और ना ही कोई बिशेषज्ञ कि समुचित व्यवस्था कि गयी / पढाई और क्लास कि अवस्था तो उचित शिक्षकों के नहीं होने से सहज ही लगाया जा सकता है / यही नहीं इन विश्वविद्यालयों के कई मालिक ,जो या तो खुद प्रिंसिपल हैं या उनका लड़का या उनका कोई नजदीकी रिश्तेदार, जिनके खुद कि डिग्रियां भी फर्जी बताये जाते या संदेह के घेरे में है / इन तथाकथित विश्वविद्यालय चलाने वाले फर्जी लोगों ने UGC के मान्यता के नाम पर ,साथ में कई-कई और विश्वविद्यालय भी खोल रखा है तथा छात्रों और अभिभावकों को प्रभावित कर ठगने के उद्देश्य से विभिन्न देशों में बैठे इनके खुद के ठगी के नेटवर्क रुपी संस्थाओं से भी मान्यता प्राप्त दिखा रखा है / इनके द्वारा चलाये जा रहे छात्रावासों कि व्यवस्था काफी दयनीय होने के बाबजूद इन्होने छात्रों से मोटी शुल्क उसूलने कि पुख्ता व्यवस्था कर रखी है / कुछ जगहों पर तो जानबूझकर पढाई के जगह मटरगस्ती का माहौल बनाया गया ,जिससे छात्रों का ध्यान दूसरी ओर आकर्षित किया जा सके /

इतना ही नहीं यहाँ फर्जी डिग्रियां बेचने और उसके एवज में लाखों रुपया उसूलने का संगठित रूप से पूरा-पूरा प्रबंध है / यहाँ ठगी के नाम पर कइयो ने प्रिंटिंग प्रेस तक लगा कर, विभिन्न विश्वविद्यालयों के फर्जी डिग्रियां और फर्जी किताबें छापने कि भी व्यवस्था कर रखा है / 

इन विश्वविद्यालयों के छात्रों से बातचीत में यह भी खुलासा हुआ कि ज्यादातर छात्र इन विश्वविद्यालयों में व्याप्त कुव्यवस्था से परेशान हैं और चाहते हैं कि ऐसे ठगी के संस्थान बंद ही हो जाय तो अच्छा होगा / पहचान बदलकर छात्रों और कुछ संचालकों से बातचीत में यह भी पता चला कि भ्रष्टाचार और रिश्वत कि ताकत से इन विश्वविद्यालयों कि मान्यता को रद्द होने से बचाने का उच्चस्तरीय खेल खेला जा रहा है / इस खेल में बिल्डर या यों कहें शिक्षा माफिया के जीतने कि उम्मीद भी पूरी लग रही है / सरकार को सारी स्थिति का पता होते हुए भी सरकार शिक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पे भी सोती रही है / जिसकी जितनी निंदा कि जाय वो काम है / इस देश में शिक्षा व्यवस्था पर बिल्डर माफिया का पूरा कब्ज़ा हो गया है ,जो आने वाले समय में शिक्षा का भारी नुकसान कर पूरी सामाजिक परिवेश को दूषित कर सकता है /

ऐसे में कपिल सिब्बल जी अगर सही मायने में शिक्षा में सुधार चाहते हैं ,तो उनको इन विश्वविद्यालयों में पढने बाले छात्रों के बयान कि विडियो रेकॉर्डिंग कोर्ट में पेश कर इन विश्वविद्यालयों के मालिकों पर 420 और धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कर इनको सजा दिलाना होगा  / क्योंकि शिक्षा जैसे पेशा को सिर्फ और सिर्फ तिकरम से पैसा बनाने का पेशा बनाने वालों के खिलाप कार्यवाही होनी ही चाहिए / अदालत फैसला करेगी सबूत जुटाकर देना सरकार कि जिम्मेवारी है /

ये हाल NCR में चल रहे DEEMED UNIVERSITY का है ,तो दूर दराज में चल रहे का क्या हाल होगा ? वैसे कुछ छात्रों ने इसके देश व्यापी अभियान कि शुरुआत कर ,इन विश्वविद्यालयों कि हकीकत और ठगी के गोरख धंधे  को लोगों के सामने लाने का अभियान शुरू भी कर दिया है / भगवान उनको इस नेक अभियान में सफलता दें /

आप लोगों से आग्रह है कि ऐसे विश्वविद्यालयों में अपने बच्चों का दाखिला कराते वक्त ,उसकी व्यवस्था और उसमे शिक्षकों व प्राचार्य कि भी पूरी जाँच कर लें , कहीं वो कोई माफिया तो नहीं , क्योंकि इनको एक बार आपने फीस दे दी, तो वापस लेना नामुमकिन ही है / वैसे कागजों में इन्होने सबकुछ ठीकठाक व्यवस्था दिखा रखा है ,लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ कर रही है /

1 टिप्पणी:

  1. जनता क्यो जागरुक नही होती, बस सुंदर सा नाम देख कर स्कुल ओर कालेज की ओर भेड बकरियो की भांति भागी जाती है अपने बच्चो को वहां दाखिला दिलवाने के लिये....कर्जा ले कर रिशवत ले कर उस की फ़ीस देते है, अरे जेसी फ़ीस दे कर अपने बच्चे को पढाओगे वो वेसा ही तो बनेगा, पेड की जड मै जो डालो के उस का असर उस पेड के फ़ल मै जरुर आयेगा

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